चलता रहा हुँ अग्निपथ पर चलता चला जाऊँगा,
नवरात्रि के इस खास मौके पर उनके चरणों में हो जाएं सब विघ्न दूर।
हर युग में मुनि ज्ञानी देते सबको यह उपदेश,
माँ दुर्गा के चरणों में जिसने सिर को झुकाया हैं !!
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् ।
जिसने सच्चे मन से.. जय माता की बोल दिया…
नवरात्रि के इस प्यारे मौके पर करें उनका समर्पण और भक्ति।
माँ दुर्गा से प्रार्थना हैं कि आपको बल, बुद्धि, ऐश्वर्या,
कुमकुम भरे कदमों से आए माँ दुर्गा आपके द्वार,
माँ के आगमन से हो सबका मन खुशियों से भरा।
नवरात्रि के इस खास पर्व पर आपके जीवन को हो सदैव खुशियों का सफर।
माँ के आगमन से हो आपके दिल का हर कोना प्यार से भरा।
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